परमात्माकी अद्भुत रचना इस धरतीपर एक से एक
मानव तुझसा बुद्धिमान पर नहीं कोई उनमे एक
हम सब मिलकर इस धरतीको सवांरते रहते है
हाथिसे चीटीतक जीव कभी न पीछे हटते है
तू एक ऐसा निर्दयी सब जीवों का अपराधी है
हम सबके सभी दुखों का तू एकमात्र कारण है
जो तू अपनी बुद्धि का सदुपयोग न कर पाएगा
ईश्वर भी अपनी श्रेष्ठ कृतिपर पछताएगा
मानव तुझसा बुद्धिमान पर नहीं कोई उनमे एक
हम सब मिलकर इस धरतीको सवांरते रहते है
हाथिसे चीटीतक जीव कभी न पीछे हटते है
तू एक ऐसा निर्दयी सब जीवों का अपराधी है
हम सबके सभी दुखों का तू एकमात्र कारण है
जो तू अपनी बुद्धि का सदुपयोग न कर पाएगा
ईश्वर भी अपनी श्रेष्ठ कृतिपर पछताएगा
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