श्री
चलो दिलदार चलो कहीं दूर चलो
जहाँ नजरोंके पहरे न हो कहीं ऐसी जगह चलो
जहाँ ये दुनियादारी न हो वफ़ा और बेवफाईके चर्चे न हो
मेरे और तुम्हारे दरमियाँ जानेमन मेरी हया का नशीला पर्दा न हो
अवनिसे अम्बर तक खामोशिके संगीतमें मेरे तुम्हारे सिवा कोई न हो
सौ.उषा लेले १६.११.२०१३